परीक्षा केंद्रों की दूरी पर बिफरे प्राइवेट स्कूल संचालक और विद्यार्थी, चार घंटे घेरा बोर्ड कार्यालय
प्राइवेट स्कूलों के परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र 40 से 45 किलोमीटर की दूरी पर बनाने से बिफरे प्राइवेट स्कूल संचालकों ने बच्चों को साथ लेकर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के मुख्य गेट पर डेरा डाला। स्कूल संचालकों ने मुख्य गेट को बंद कर धरना दिया। बच्चे भी गेट के पास और सड़क किनारे बैठे।
करीब चार घंटे तक नारेबाजी कर रोष जताया। बाद में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह और सचिव राजीव प्रसाद के साथ बैठक की। जिसमें जिन स्कूलों के परीक्षा केंद्र ज्यादा दूर बनाए गए हैं, उन्हें नजदीक किए जाने पर सहमति बनी। जिसके बाद धरना खत्म करने का निर्णय लिया गया।
प्राइवेट स्कूलों के परीक्षा केंद्र ज्यादा दूर किए जाने का प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन विरोध कर रही है। इसी के तहत शुक्रवार को शिक्षा बोर्ड के मुख्य गेट के पास धरना देने और किसी को भी प्रवेश नहीं देने का कार्यक्रम तय हुआ। कार्यक्रम के तहत प्राइवेट स्कूल संचालक प्रधान रामअवतार शर्मा के नेतृत्व में सुबह बोर्ड के मुख्य गेट के पास पहुंचे। करीब आधा दर्जन स्कूलों से बच्चे भी लाए गए। बोर्ड के मुख्य गेट को बंद कर यहां धरना दिया गया और आवागमन बंद कर दिया गया।
प्राइवेट स्कूल संचालकों और बच्चों ने बोर्ड प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हंगामे की आशंका के चलते पहले ही पुलिस फोर्स को बुला लिया गया था। पुलिस फोर्स गेट के पास ही तैनात रही। डीएसपी विरेंद्र, एसएचओ इंस्पेक्टर विद्यानंद, एसआईएस इंस्पेक्टर कुलदीप भी मौजूद रहे।
करीब चार घंटे तक नारेबाजी कर रोष जताया। बाद में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह और सचिव राजीव प्रसाद के साथ बैठक की। जिसमें जिन स्कूलों के परीक्षा केंद्र ज्यादा दूर बनाए गए हैं, उन्हें नजदीक किए जाने पर सहमति बनी। जिसके बाद धरना खत्म करने का निर्णय लिया गया।
प्राइवेट स्कूलों के परीक्षा केंद्र ज्यादा दूर किए जाने का प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन विरोध कर रही है। इसी के तहत शुक्रवार को शिक्षा बोर्ड के मुख्य गेट के पास धरना देने और किसी को भी प्रवेश नहीं देने का कार्यक्रम तय हुआ। कार्यक्रम के तहत प्राइवेट स्कूल संचालक प्रधान रामअवतार शर्मा के नेतृत्व में सुबह बोर्ड के मुख्य गेट के पास पहुंचे। करीब आधा दर्जन स्कूलों से बच्चे भी लाए गए। बोर्ड के मुख्य गेट को बंद कर यहां धरना दिया गया और आवागमन बंद कर दिया गया।
प्राइवेट स्कूल संचालकों और बच्चों ने बोर्ड प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हंगामे की आशंका के चलते पहले ही पुलिस फोर्स को बुला लिया गया था। पुलिस फोर्स गेट के पास ही तैनात रही। डीएसपी विरेंद्र, एसएचओ इंस्पेक्टर विद्यानंद, एसआईएस इंस्पेक्टर कुलदीप भी मौजूद रहे।
बाद में बोर्ड की ओर से प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया गया। 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रधान रामअवतार शर्मा के नेतृत्व में बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह, सचिव राजीव प्रसाद के साथ कान्फ्रेंस हॉल में बैठक की। जिसमें बोर्ड अधिकारियों ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की मांग मानते हुए ज्यादा दूर बने परीक्षा केंद्रों को बदलकर नजदीक करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद प्राइवेट स्कूल संचालक शांत हुए और अपना आंदोलन खत्म करने का निर्णय लिया। प्राइवेट स्कूल संचालकों ने बोर्ड के बाहर खुशी मनाई।
प्यासे रहे बच्चे, मंडराता रहा खतरा
बोर्ड के बाहर मुख्य मार्ग पर ही विभिन्न स्कूलों के बच्चे प्यासे ही बैठकर नारे लगाते रहे। बच्चों ने पानी के लिए उठने का प्रयास किया तो स्टाफ सदस्यों ने बैठा दिया। स्कूल की ओर से पानी की गाड़ी मंगवाई तो उसे पुलिस ने मुख्य सड़क पर खड़ा नहीं होने दिया।
ऐसे में चार घंटे तक स्कूली बच्चे प्यासे ही सड़क किनारे बैठे रहे। मगर खतरा भी रहा। नेशनल हाइवे के किनारे पर बच्चे बैठे थे। इसके अलावा टेंट के लिए लगाए लोहे के पोल भी इसी दौरान हटाए गए। बच्चे नीचे बैठे रहे और कर्मचारी पोल हटाते रहे। यहां भी खतरा था।
प्यासे रहे बच्चे, मंडराता रहा खतरा
बोर्ड के बाहर मुख्य मार्ग पर ही विभिन्न स्कूलों के बच्चे प्यासे ही बैठकर नारे लगाते रहे। बच्चों ने पानी के लिए उठने का प्रयास किया तो स्टाफ सदस्यों ने बैठा दिया। स्कूल की ओर से पानी की गाड़ी मंगवाई तो उसे पुलिस ने मुख्य सड़क पर खड़ा नहीं होने दिया।
ऐसे में चार घंटे तक स्कूली बच्चे प्यासे ही सड़क किनारे बैठे रहे। मगर खतरा भी रहा। नेशनल हाइवे के किनारे पर बच्चे बैठे थे। इसके अलावा टेंट के लिए लगाए लोहे के पोल भी इसी दौरान हटाए गए। बच्चे नीचे बैठे रहे और कर्मचारी पोल हटाते रहे। यहां भी खतरा था।
अधिकारी, पुलिसकर्मी पूछते रहे बच्चों की क्लास
प्राइवेट स्कूल संचालकों का विरोध 10वीं और 12वीं के परीक्षा केंद्र दूर बनाने को लेकर था मगर धरने में सातवीं, आठवीं कक्षा के भी बच्चे थे। वहां पुलिस कर्मचारी, मौजूद अन्य अधिकारी बच्चों से बातचीत कर उनकी कक्षाएं पूछते रहे। बोर्ड कर्मचारी भी बच्चों से पूछते रहे।
प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के सेंटर 40 से 45 किलोमीटर दूर बनाये गए है जबकि सरकारी स्कूलों के बच्चों के सेंटर उसी गांव में बनाए गए है। बच्चों में भेदभाव किया गया है। अब एक बच्चे को पेपर दिलाने के लिए परिवार के सदस्य को छुट्टी लेकर साथ जाना होगा। अगर दो या तीन बच्चे हैं तो परिवार के समक्ष समस्या बन गई है। इसके अलावा पहले भी लंबी दूरी के कारण हादसे हुए और अब भी अभिभावकों को हादसों की आशंका सता रही थी। इसी के विरोध में प्रदर्शन था। बोर्ड चेयरमैन और सचिव ने उनकी मांग मान ली है और परीक्षा केंद्रों को नजदीक किया जाएगा। -रामअवतार शर्मा, प्रधान, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन
प्राइवेट स्कूल संचालकों का विरोध 10वीं और 12वीं के परीक्षा केंद्र दूर बनाने को लेकर था मगर धरने में सातवीं, आठवीं कक्षा के भी बच्चे थे। वहां पुलिस कर्मचारी, मौजूद अन्य अधिकारी बच्चों से बातचीत कर उनकी कक्षाएं पूछते रहे। बोर्ड कर्मचारी भी बच्चों से पूछते रहे।
प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के सेंटर 40 से 45 किलोमीटर दूर बनाये गए है जबकि सरकारी स्कूलों के बच्चों के सेंटर उसी गांव में बनाए गए है। बच्चों में भेदभाव किया गया है। अब एक बच्चे को पेपर दिलाने के लिए परिवार के सदस्य को छुट्टी लेकर साथ जाना होगा। अगर दो या तीन बच्चे हैं तो परिवार के समक्ष समस्या बन गई है। इसके अलावा पहले भी लंबी दूरी के कारण हादसे हुए और अब भी अभिभावकों को हादसों की आशंका सता रही थी। इसी के विरोध में प्रदर्शन था। बोर्ड चेयरमैन और सचिव ने उनकी मांग मान ली है और परीक्षा केंद्रों को नजदीक किया जाएगा। -रामअवतार शर्मा, प्रधान, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन
प्राइवेट स्कूलों से परीक्षा केंद्रों के लिए पांच-पांच ऑप्शन मांगे गए थे और उसी के अनुसार सेंटर बनाए गए हैं। अब प्राइवेट स्कूल संचालकों का कहना है कि कुछ स्कूलों के परीक्षा केंद्र दूर है। जिन्हें ठीक कर नजदीक कर दिया जाएगा। - डॉ. जगबीर सिंह, चेयरमैन, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड